फिल्म रिव्यू

रिव्यू : गर्व कीजिए सिनेमा और ‘सैम बहादुर’ पर

Featured In IMDb Critic Reviews

दिसम्बर का महिना सिनेमाघरों के लिए ख़ास है। इस जाते हुए साल में कई फ़िल्में बॉलीवुड और हॉलीवुड की आ रही है। इन्हीं में कई फ़िल्में ऐसी हैं जिनका पहले से ही काफी बज बना हुआ था। अब देखना ये है कि टिकट खिड़की पर ये फ़िल्में क्या कमाल करती हैं। इसी कड़ी में आज रिलीज हुई फिल्म ‘सैम बहादुर’ सिनेमा पर और सैम बहादुर पर गर्व करने का मौका देती है। देखिए इस फिल्म को और गर्व कीजिए सिनेमा और ‘सैम बहादुर’ पर लेकिन क्यों आइए देखते हैं-

सैम मानेकशॉ भारतीय थल सेना के वो अध्यक्ष जो करीब 92 साल तक बहादुरी की मिसाल बन कर जिए। जो भी भारतीय थोड़ा बहुत भी सैम के बारे में जानता है वह अवश्य ही गर्व से भर उठता है। ऐसे में मेघना गुलज़ार जो इससे पहले ‘राज़ी’ जैसी उम्दा फिल्म बना चुकी हैं, तो उन्हीं की बनाई सैम मानेकशॉ पर बायोपिक फिल्म सैम बहादुर क्यों गर्व नहीं महसूस करवाएगी भला।

गर्व कीजिए सिनेमा और 'सैम बहादुर' पर
sam bahadur film download

भारतीय सेना के तीनों अंगों की बहादुरी के इतने किस्से भरे पड़े हैं कि हर साल दो-चार फ़िल्में तो इन पर बनती ही रही है। सैम मानेकशॉ साल 1914 में पंजाब के अमृतसर में एक पारसी परिवार में जन्में और मात्र 18 बरस की उम्र में सेना में भर्ती हो गये। उस समय की भारतीय ब्रिटिश सेना में अंग्रेजी हुकुमत के समय दूसरे विश्वयुद्ध में जापानियों से न केवल सैम बहादुर (सैम मानेकशॉ)  लड़े बल्कि ब्रिटिश सेना ने उन्हें सम्मानित भी किया। उनकी बहादुरी को देखते हुए पाकिस्तानी सरकार ने भी उन्हें अपनी सेना में शामिल होने को कहा किन्तु सैम ने भारतीय सेना को चुना।

सैम मानेकशॉ ने भारतीय सेना के कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ अदा की फिर चाहे हैदराबाद के संकट की कहानी हो या चाहे जम्मू-कश्मीर के भारत में मिलाने की घटना। राजनेताओं के भी काफी करीब होने के चलते सैम पर देशद्रोह का मुकदमा भी हुआ। लेकिन यहाँ भी सैम मानेकशॉ ने बहादुरी से अपनी लड़ाई लड़ी। 1962 और 1971 की लड़ाई में भी सैम ने देशहित का काम किया। यही वजह रही की उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान पद्म भूषण और विभूषण से भी नवाजा गया।

गर्व कीजिए सिनेमा और 'सैम बहादुर' पर
sam bahadur film download

सैम बहादुर केवल सैम मानेकशॉ के जीवन को दिखाते हुए मात्र बायोपिक बनकर नहीं रह जाती। अपितु यह फिल्म देशभक्ति और देश की कहानी को भी दिखाती है। राजनेताओं की कहानी को भी दिखाती है तो आज़ादी की कहानी को भी। अपने आप में एक मुक्कमल बायोपिक कैसी होनी चाहिए उसके लिए मेघना गुलज़ार की इस फिल्म को देखा जाना चाहिए। सिनेमा के लेखकों, निर्देशकों, कलाकारों और तमाम तकनीकी टीम को भी यह फिल्म देखनी चाहिए। आप दर्शकों को भी यह फिल्म अपने परिवार के साथ देखनी ही चाहिए।

विक्की कौशल अपनी हर फिल्म के साथ एक नया किरदार निभाते हुए खुद की ही अभिनय कला को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। ख़ास करके इस तरह के चैलेंज भरे किरदार में वे सबसे उम्दा काम करते नजर आते हैं। हाल के समय में विक्की कौशल सबसे वर्सेटाइल अभिनेता हैं। मेघना गुलज़ार, भवानी अय्यर, शांतनु श्रीवास्तव की लिखी यह फिल्म शोध परक फिल्मों के लिए भी जानी जायेगी। किसी भी बायोपिक को बिना किसी लाग-लपेट के देश के हालातों के साथ मिलाते समय फिल्म के लेखकों ने अच्छी खासी स्टडी भी की है, जो कि नजर भी आती है।

गर्व कीजिए सिनेमा और 'सैम बहादुर' पर
sam bahadur download

फिल्म के सहायक कलाकारों में सान्या मल्हौत्रा, गोविन्द नामदेव, नीरज कबी, फातिमा सना शेख, अंजन श्री वास्तव, परीक्षित बाजपेई, गौरव दूबे आदि अपना भरपूर योगदान फिल्म को मजबूत बनाये रखने में देते हैं। गुलज़ार और शंकर-अहसान-लॉय के गीत-संगीत की जोड़ी मिलकर इस क्षेत्र में भी फिल्म के मुताबिक माहौल रचती है। वी.एफ़.एक्स, लोकेशन, प्रोड्क्शन डिजाइन, कास्ट्यूम, फिल्म के लुक, कैमरे और एडिटिंग के लिहाज से जंचते हैं। करीब ढाई घंटे लम्बी यह फिल्म गर्व तो करवाती है सैम बहादुर पर और सिनेमा पर लेकिन कुछ जगहों पर इतनी भारी महसूस होती है कि बीच-बीच में सूखी नजर आती है। साल 2024 के लिए निश्चित रूप से नेशनल अवार्ड के लिए चुनी जाने योग्य और कई सारे सम्मान पाने योग्य इस फिल्म को देखा जाना चाहिए, भारत के लिए, भारतीय सेना के लिए क्योंकि सैम मानेकशॉ ने देश के लिए देश की सेना के लिए जो रक्षा और हक़ की लड़ाइयाँ लड़ी वे सदा बहादुरी और गर्व के साथ कही जाती रहेगी और ‘माथे पर तिलक’ गाने की तरह गुनगुनाई जाती रहेगी।

अपनी रेटिंग ... 4 स्टार

Facebook Comments Box
Show More

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!