Blogफिल्म रिव्यू

रिव्यू- अमर ‘चमकीला’

Featured in IMDb Critic Reviews

धनीराम उर्फ अमर सिंह ‘चमकीला’ जुलाई 1960 में पंजाब में जन्मा एक गरीब लड़का, जो बचपन से गाने-बजाने का शौकीन है। जुराबों की फैक्टरी में काम करते हुए उसकी दीवानगी गाने में इतनी बढ़ गई कि एक दिन चमकीला पूरी दुनिया में अपने गानों की वजह से चमक उठा। वजह थी उसके गानों में अश्लीलता।

अमर 'चमकीला'
अमर ‘चमकीला’

अपने धंधे की फितरत जब जनता में तनाव बढ़ता है तो उनमें एंटरटेनमेंट की भूख और भी बढ़ जाती है। जब चारों तरफ़ खतरा हो, लोग तकलीफ से तड़प रहे हो तो उन्हें दुःखी गाने नहीं चाहिए होते। उन्हें चाहिए कोई ऐसा झूमता हुआ गीत जिसे सुन कर उन्हें राहत मिले। कुछ समय के लिए जो उनके दुःख कम कर दे। और यही तो यह फिल्म भी परोसती है ठीक अमर सिंह चमकीला (amar singh chamkila) के गानों की तरह।

अपने अश्लील गानों के चलते चमकीला इतना चमका की उन सभी  लोगों से भी आगे निकल गया जिन्होंने कभी उसे मौके दिए थे। या जो सोचते थे चमकीला कुछ नहीं है उसे उन्होंने बनाया है। फिर क्या जो हर कलाकार के साथ होता है साथी लोग उससे जलने लगे। अश्लील शब्दों वाले उसके गाने इतने पॉपुलर हुए कि पंजाब के अलावा विदेशों में भी उसके चर्चे होने लगे। एक तरफ पंजाब में आतंकवाद का दौर तो दूसरी तरफ चमकीला का। कुछ लोगों ने उसे धमकियां भी दीं लिहाजा उसने धार्मिक गाने भी गाए। आखिर में मार्च 1988 में उसे और उसकी गायिका बीवी अमरजीत को गोली मार दी गई। 28 साल की उम्र में चल बसे चमकीला के गीतों की धमक आज भी पंजाब और बहुत से प्रान्तों की फिज़ाओं में है।

अमर 'चमकीला'
अमर ‘चमकीला’

नेटफ्लिक्स पर इम्तियाज़ अली निर्देशित यह फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ उसी चमकीले के जीवन के कई पहलू दिखाती है। उसी चमक, धमक और बुझे हुए अंदाज के साथ। कई जगहों पर चमकीले के गानों, उसकी तस्वीरों, कोलाज, एनिमेशन, उसकी पुरानी तस्वीरों के साथ। लेकिन जो इंसान इतना बुरा गाता था समाज की नजरों में तो आखिर उस जैसे इंसान की बायोपिक बनाने की ज़रूरत क्यों आन पड़ी? क्या यह सवाल नहीं किया जाना चाहिए कि एक ऐसे इंसान पर फिल्म क्यों बनाई जा रही है जो मशहूर भी हुआ तो  ‘गंदे’ गाने गाने के कारण? जो वह गाता था वह अगर ‘गंदा’ ही था तो उसे सुन कौन और क्यों रहे थे? एक पत्रकार जब चमकीला से सवाल करती है तो वह भी यही कहता है कि अगर इतने सारे लोग मेरा गाना सुनते हैं, देश, दुनिया में अमिताभ बच्चन से ज्यादा उसकी डिमांड है तो क्या पूरा समाज गंदा है? यह फिल्म इस बहस को भी खाद पानी देती है कि अमर सिंह या उस जैसा आज गाने वाले, लिखने वाले और उसे उतनी ही तादाद में पसंद करने वाले गंदे हैं या वे लोग गंदे हैं जो उन्हें देख-सुन-पढ़ रहे हैं।

अमर 'चमकीला'
अमर ‘चमकीला’

दरअसल यह फिल्म ‘चमकीले’ की कहानी के बहाने से हमारे तथाकथित समाज के दोगलेपन को उभारने का काम भी करती है। एक सीन है जहाँ चमकीले को धमकी देने आए कुछ लोग आते हैं और कहते हैं- हम तो आपके मुरीद हैं जी और यह कहने के बाद वे उसे धमकी भी देते हैं और उससे पैसे भी वसूलते हैं और फिर अगले ही पल ‘हम तो आपके मुरीद हैं जी’ कह कर चले जाते हैं।

 

यह भी पढ़ें- ‘स्वातन्त्र्य वीर सावरकर’ को करीब से देखिए

फिल्म की कहानी से लेखक इम्तियाज़ अली, साजिद अली चमकीले के साथ-साथ बहुत उम्दा तरीके से तत्कालीन समय के पंजाब और बाकी जगहों, वहाँ की हर उम्र की जनता की चमकीले के प्रति दीवानगी को भी अच्छी तरह से दिखाते हैं। कसी हुई पटकथा के साथ एकदम संभल कर चलने वाली यह फिल्म हरदम आपको बांधे रखती है। बहुत सी जगहों पर ठेठ पंजाबी के शब्द भी उलझाते हैं लेकिन उस समय के पंजाब और बोली के साथ चमकीले के लिए यह जरुरी भी लगते हैं।

बतौर निर्देशक इम्तियाज़ अली इस फिल्म से एक बार फिर अपने निर्देशन और लेखन की गहराई में उतरे हुए नजर आते हैं। पूरी फिल्म के दौरान कई सारे सीन  ‘चमकीले’ के अमर सिंह चमकीले बनने की कहानी को भरपूर जीते हुए नजर आते हैं।  इरशाद कामिल के गीत, ए.आर. रहमान का संगीत फिल्म की जान है। इसका ऑडियो, बी.जी.एम्, संगीत, अभिनय, बैकग्राउंड स्कोर, लोकेशन, एडिटिंग तमाम चीजें इस फिल्म को भरपूर ऊंचाई पर ले जाते हैं।

अमर 'चमकीला'
अमर ‘चमकीला’

फिल्म और उसके किरदारों की लुक पर की गई मेहनत साफ़ नजर आती। यह सच है कि अच्छी खासी शोध के साथ बनाई गई इस फिल्म को देखकर चमकीले के गानों के रसिकों को भरपूर आनन्द मिलेगा। दिलजीत दोसांझ ‘चमकीला’ के किरदार में रचे-बसे नजर आते हैं। परिणीति चोपड़ा भी जमीं। कुछ क्षण के लिए नजर आने वाली सीमा ग्रेवाल प्यारी लगती हैं। अनुराग अरोड़ा, अंजुम बत्रा, अपिंदर दीप सिंह इत्यादि  तमाम कलाकार भी प्रशंसनीय रहे। यह फिल्म पूरी तरह से चमकीले की तरह चमकीली और सिनेमा के लिहाज से अमर नजर आती है। इसे देखा-दिखाया जाना चाहिए एक शानदार बायोपिक के लिए। साथ ही  यह फिल्म चमकीले के हत्यारों को भी दिखाती है, जिनके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते होंगे।

अपनी रेटिंग .... 4 स्टार

Facebook Comments Box
Show More

Related Articles

2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!