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वेब रिव्यू- हंसाती, जगाती, खर्राटे भरती ‘हरियाणा केसरी’

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एक लड़का जिसे बचपन से ही नहीं पता कि उसे क्या बनना है। स्कूल से कॉलेज तक खत्म होने को आया पर वह अभी तक सोच में डूबा है की क्या बने। ऐसा ही एक उसका दोस्त। एक भंडेरा जो हरदम लड़कियों को पटाने में लगा रहता है। एक पति जो हरदम खर्राटे भरता है। एक पत्नी जो पति के खर्राटे से परेशान है। उसकी लड़की को करनी है लव मैरिज एक ऐसे लड़के से जो खर्राटे ना भरता हो। एक दादी जो अपने जीवन का अमृतकाल देख चुकी है लेकिन लड़कों को देखते ही लार टपकाने लगती है। एक बाप जो मिठाई की दुकान चलाता है लेकिन मिलावट वाली मिठाई बेचता है। एक और लड़की जो लड़कों को डसती रहती है। एक कुश्ती का कोच जो लंगड़ा है।

हंसाती, जगाती, खर्राटे भरती ‘हरियाणा केसरी’
हंसाती, जगाती, खर्राटे भरती ‘हरियाणा केसरी’

कितना कुछ है न कहानी में? अब आप कहेंगे आह मजा आ गया एक वेबसीरीज में इतने सारे रंग, इतने सारे रंग-बिरंगे किरदार और उनकी कहानियाँ ‘हरियाणा केसरी’ में। लेकिन रुकिए जरा रिव्यू तो पढ़ते जाइए… यह जरुरी तो नहीं हरदम हंसाते रहने वाली, हरदम अपने सपनों के लिए जगाते रहने वाली कोई फिल्म या सीरीज उतनी ही दमदार भी हो।

 

ऐसा नहीं है कि यह एकदम कमजोर है। एक पारिवारिक हास्यप्रद सिनेमा से और आखिर आप और हम उम्मीद भी क्या कर सकते हैं? यह सीरीज इस मामले में सर्वोत्तम है। यह वो दम रखती है कि हरदम आपके चेहरों पर मुस्कान बराबर बनाये रखे। यह ये भी दम रखती है कि आपको कभी झुकने नहीं देती। यह ये भी दम रखती है कि आप इसे देखते हुए अपने सपनों को पूरा करने की सोचे। यह ये भी दम रखती है कि एक परिवार को आखिर कुछ मुसीबत के आने के बाद टूटने से कैसे बचाया जाए। लेकिन ये भी दम रखती है कि इसे देखते हुए आप भी एक बार ही सही बीच में खर्राटे भर आयें।

हंसाती, जगाती, खर्राटे भरती ‘हरियाणा केसरी’
हंसाती, जगाती, खर्राटे भरती ‘हरियाणा केसरी’

लेखक, निर्देशक और बतौर पटकथा, संवाद आशीष नेहरा के साथ मिलकर एक्टर दीपक हुड्डा का किया गया काम सूकून देता है। चौपाल एप्प पर आई इस सीरीज को देखते हुए दीपक हुड्डा से पारिवारिक कहानियों की उम्मीद जगती है। लीड रोल में भी दीपक हुड्डा सहज किरदार निभाते नजर आते हैं। वे इससे पहले चौपाल के लिए ‘उड़ान जिंदगी’ की जैसी सीरीज भी बना चुके हैं।

 

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राखी लोछ्ब प्यारी लगती हैं। नवीन ओह्ल्यान,केलापति, मीना मलिक, सुमित धनकड़, आशीष नेहरा जैसे थियेटर के कलाकार उम्दा रहे। बीच-बीच में आने वाले अरमान अहलावत, कटारिया, सुमन सेन, योगेश वत्स, मीनाक्षी, मुकेश मुसाफिर, विश्व दीपक त्रिखा जैसे किरदारों के सहारे यह सीरीज हंसाते, जगाते, खर्राटे भरती हुई जब खत्म होती है तो कई सारे सवाल भी छोड़ जाती है। तो कई जगहों पर कहानी आपको पहले ही पता चलने लगे की आगे क्या होने वाला है तो यह खर्राटे सीरीज में किरदारों के ही नहीं लाता बल्कि देखने वाले दर्शकों के भी लाता है।

हंसाती, जगाती, खर्राटे भरती ‘हरियाणा केसरी’
हंसाती, जगाती, खर्राटे भरती ‘हरियाणा केसरी’

एडिटिंग, म्यूजिक, बैकग्राउंड स्कोर, किरदारों को खड़ा करने में की गई मेहनत, बी.जी.एम आदि जैसी तमाम बातें चौपाल हरियाणवी की यह भी साबित करती है कि ये लोग सचमुच हरियाणवी सिनेमा को एक अच्छे स्तर पर लेकर जायेंगे। चौपाल हरियाणवी द्वारा निर्मित हरियाणवी सिनेमा को देखते हुए यह भी उम्मीद जगती है कि स्टेज एप्प जैसे लोगों के लिए ये एक कड़ा मुकाबला खड़ा करने की भी हिम्मत रखते हैं।

अपनी रेटिंग .... 3.5 स्टार

हरियाणा केसरी को चौपाल के इस लिंक पर देखा जा सकता है।

 

 

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