16 वें जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का समापन नए अंदाज में
गुलाबी नगरी जयपुर में 16 वें जयपुर इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल का समापन 13 फरवरी को हुआ। इसके साथ ही इसके 17 वें संस्करण की घोषणा भी कर दी गई। साल 2025 में होने वाला प्रतिष्ठित जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 17 से 21 जनवरी के बीच आयोजित किया जाएगा। आज गंगानगर वाला पेश कर रहा है फेस्टिवल की संक्षिप्त रिपोर्ट – 16 वें जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का समापन नए अंदाज में
जयपुर, राजस्थान में इस बार आयोजित हुए 16 वें जयपुर इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन ऑनलाइन और ऑफलाइन दो तरह से आयोजित किया गया। देश-विदेश से फेस्टिवल के लिए प्राप्त हुई करीब 3000 फिल्मों में से चुनिंदा फिल्मों की स्क्रीनिंग ऑनलाइन तथा ऑफलाइन हुई। इस बार के फेस्टिवल में सबसे अधिक अवार्ड एक गुजराती फिल्म ‘कुंडालू’ ने जीते। अलग-अलग कैटेगरी में इस फिल्म को 7 अवार्ड दिए गये। हालांकि इस बार का यह फेस्टिवल काफी छोटे स्तर पर आयोजित किया गया।
फीचर फिल्म, शॉर्ट फिल्म, नॉन फिक्शन, एनिमेशन, गाने, डॉक्युमेंट्री, मोबाइल फिल्म, वेबसीरीज इत्यादि अलग-अलग कैटेगरी में प्राप्त हुई फिल्मों में से बेस्ट शॉर्ट डॉक्युमेंट्री फिल्म का अवार्ड पार्थ सारथी महंता की ‘फेहुजली’ को मिला। इसी कैटेगरी में स्पेशल ज्यूरी मेंशन तीन फिल्मों को दिया गया। जिसमें गीता गंधिर निर्देशित ‘कर्नल कलसी’, ‘जेम्स हिग्गिंसों’ की फिल्म शुद्धि को और ‘विद फायर एंड ब्रेथ’ को दिया गया।
शॉर्ट फिक्शन कैटेगरी में अन्तिगोनी की ‘अ पीस ऑफ़ लिबर्टी’, केतकी पांडे की ‘द लास्ट मील’ , मोहम्मद सदेघ की द लेबर, लोल्ली सावंत की गो-ची, संकल्प राजू की नजर, आर एस राठौड़ की इन्कुबुस आदि फ़िल्में प्रमुख रूप से अलग-अलग कैटेगरी में अवार्ड हेतु चुनी गई। कुल 11 कैटेगरी के अवार्ड इस बार जयपुर इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिए गये।
बेस्ट एक्टर और बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड भी अलग-अलग फिल्मों और अलग-अलग केटेगरी में दिए गये। जिसमें शांग गो को उनकी फिल्म थ्रू लाइफ एंड डेथ के लिए, पायल राजपूत को फिल्म मंगलावारम के लिए बिदु को खेरवाल के लिए दिए गये। बेस्ट साउंड, बेस्ट सिनेमैटोग्राफी, बेस्ट सोंग, बेस्ट स्क्रिप्ट, बेस्ट फिल्म, बेस्ट एडिटर इत्यादि कई कैटेगरी में अवार्ड जयपुर इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल हमेशा देता रहा है।
फिल्म फेस्टिवल में 9 से 13 फरवरी के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चाएँ भी आयोजित की गईं। जिसमें राजस्थानी सिनेमा, ऑस्कर के बाद गुजराती सिनेमा जैसी चर्चाएँ प्रमुख रहीं साथ ‘राजस्थानी फिल्म गीत कोश’ पुस्तक के लिए पत्रकार एम डी सोनी को लाइफ टाइम अचीवमेंट भी दिया गया।
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