इंटरव्यू

मेरा जन्म अभिनय के लिए ही हुआ है- आलोक भारद्वाज

मेरा जन्म अभिनय के लिए ही हुआ है- आलोक भारद्वाज के साथ हुई अंतरंग बातचीत लेकर आया है आज गंगानगर वाला पढ़िए…. और अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करना ना भूलें इंटरव्यू के अंत में….

जौनपुर, उत्तर प्रदेश में जन्में आलोक भारद्वाज एक अच्छे खासे शिक्षित परिवार से हैं। अपनी प्रारम्भिक शिक्षा नैनीताल उत्तराखंड से करने के बाद आलोक ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से स्नातक किया। वे बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे। आलोक कहते हैं मैं इसीलिए पैदा हुआ हूँ बस रास्ता नहीं पता था, बचपन से ही अभिनय करना चाहता था, लेकिन हमारा माहौल शिक्षा का था। मेरे घर में सभी लोग सरकारी पदों पर है। उनके लिए सबसे बड़ा निर्णय था कि मुंबई कैसे पहुँचा जाए इसके लिए उन्होंने जब ग्रेजुएशन लखनऊ यूनिवर्सिटी से पूरी की तब थोड़ा बहुत समझदारी पाकर निर्णय लिया और विचार किया तो पाया कि उनके पास अब समय है अपने सपनों के पीछे भागने का और इस तरह वे मुंबई आ गये।

मेरा जन्म अभिनय के लिए ही हुआ है- आलोक भारद्वाज
मेरा जन्म अभिनय के लिए ही हुआ है- आलोक भारद्वाज

आलोक प्रशिक्षित अभिनेता हैं और उन्होंने अभिनय का प्रशिक्षण एफ़.टी.आई.आई संस्थान से लिया है। वे कहते हैं मेरे अभिनय के गुरु रवि शाह जी हैं। वहाँ से निकल मैंने पृथ्वी से थियेटर किया। वहीं पर आलोक ने सलीम आरिफ के सानिध्य में काफी नाटक किये। ‘गोगली झनक झाएं’ जो गुलज़ार साहब द्वारा लिखित था, करना आलोक के लिए बहुत सौभाग्य की बात थी। यह नाटक उपेन्द्र नाथ अश्क की लिखी उस कहानी पर आधारित है जिस पर  सत्यजित रे ने ‘गोपी गायन बाधा बायन’ नाम से फिल्म बनाई। आलोक भारद्वाज ने ताजमहल का उद्घाटन, ओह माई डैड, अषाढ़ का एक दिन, ये प्रेम कहानी फ़िल्मी है, महंगाई डायन खाय जात है, प्यानो वादक आदि जैसे कई नाटक किये।

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आलोक बताते हैं कि उनकी पहली कास्टिंग ऑडिशन से ही हुई। और उन्हें पहला ब्रेक ‘सुकन्या हमारी बेटियां’ नाटक में मिला जो बाद में दूरदर्शन पर टेलीकास्ट हुआ उसमें आलोक ने विशाल नाम के पात्र का बतौर मुख्य किरदार निभाया, तब से अब तक आलोक अपने प्रोजेक्ट को ऑडिशन से ही हासिल करते हैं। वे कहते हैं- मुझे इस प्रक्रिया पर बहुत भरोसा है। आलोक केवल अभिनय में खुद को देखना चाहते हैं हाँ कुछ समय उन्होंने बतौर सहायक निर्देशक भी काम किया है लेकिन फिलवक्त वे सिर्फ अभिनय ही करना चाहते हैं। वे कहते हैं हर प्रोजेक्ट में आप कुछ ना कुछ सीखते हैं। सौहेल तिवारी, दिनेश महादेव, अक्षय पनिकर, शिबू मिश्रा का बनाया सिनेमा उन्हें विशेषतौर पर पसंद आता रहा है।

आलोक भारद्वाज जल्द ही एक फिल्म में नजर आने वाले हैं। ‘1857 कुम्भ’ नाम से बनी इस फिल्म के निर्देशक उमेश भारद्वाज हैं। इस साल के आखिर तक यह सिनेमाघरों में दस्तक देगी और फिर इसके सिक्वल भी दर्शकों को देखने के लिए मिल सकते हैं। इसके साथ ही आलोक भारद्वाज दो वेब सीरीज में भी नजर आने वाले। नदियावाला फ्लिक्स लिमिटेड के बैनर तले बन रही इस सीरिज के भी जल्द ही रिलीज होने की संभावना है। आलोक बातचीत के दौरान कहते हैं कि- ये एक माइथोलॉजिकल सीरीज है जिसके 26 एपिसोड होंगे और इसे दिनेश महादेव ने निर्देशित किया है। इस वेब सीरीज में सिनेमैटोग्राफर का काम निशि चंद्र ने किया है। इसके अलावा आलोक एक बायोपिक फिल्म ‘द फिशरमैन’ में भी नजर आयेंगे। इस फिल्म में वे मुख्य भूमिका में होंगे। जिसकी कहानी हमें एक मछुआरे के संघर्ष की कहानी बताएगी। हाल में आलोक एक के बाद एक कई सारी फिल्मों और वेब सीरीज में नजर आने वाले हैं। ‘स्वराज’ अमेजन प्राइम की सीरीज जिसमें वे स्वामी विवेकानंद का किरदार निभाते दिखेंगे। आलोक  भारद्वाज बातचीत के दौरान कहते हैं कि- फिलहाल कई फ़िल्में और सीरीज हैं जिनकी स्क्रिप्ट इन दिनों पढ़ रहा हूँ। वे चाहते हैं कि वे अच्छा सिनेमा करें। इसलिए ही वे अभी स्क्रिप्ट का चुनाव बेहद सावधानी से करने में जुटे हैं।

मेरा जन्म अभिनय के लिए ही हुआ है- आलोक भारद्वाज
मेरा जन्म अभिनय के लिए ही हुआ है- आलोक भारद्वाज

आलोक कहते हैं कि- मैं इसलिए ही जन्मा हूँ कि मैं अभिनय कर सकता हूँ और यही करना है मुझे पूरा विश्वास है खुद पर और ईश्वर पर अच्छा ही करूँगा और ये ही करूँगा। क्योंकि मेरा जन्म अभिनय के लिए ही हुआ है। आगामी दस साल में कहाँ देखना चाहते हैं खुद को सवाल के जवाब में आलोक कहते हैं कि- मैं कल की नहीं सोचता बल्कि आज में जीने में विश्वास करता हूँ। फिर एक अभिनेता होने के नाते मेरा काम है जो भी प्रोजेक्ट आये मैंने उसे पूरी शिद्दत से करूँ।  बाकी सब ईश्वर के हाथ में है सिर्फ कर्म करना मेरे हाथ में है, जो मैं कर रहा हूँ। आलोक प्रेमचंद, बकिमचन्द्र चटर्जी, शरत चन्द्र चटर्जी, धर्मवीर भारती और आज के दौर के अक्षत गुप्ता को पढना पसंद करते हैं फ्री समय में। इसके साथ ही राजू हिरानी, संजय लीला भंसाली, अनुराग कश्यप, तिग्मांशु धूलिया, आशुतोष गोवारिकर, इरफ़ान खान, गुलज़ार साहब, जावेद अख्तर, सलीम खान, अरिजीत सिंह, सोनू निगम आदि जैसे कला के लोगों को देखना, पढ़ना, सुनना पसंद है।

राजू हिरानी सफल फिल्मकार हैं

आलोक कहते हैं कि- मेरे हर किरदार में दर्शकों को विविधता नजर आएगी। हाल में आलोक कई फिल्मों और वेब सीरीज में नजर आयेंगे। इसके अलावा उनका हाल ही में म्यूजिक एल्बम रिलीज हुआ है ‘मोहब्बत रूह की’ जो एक करोड़ बार देखा जा चुका है। इसके साथ ही ‘तुझे याद है ना’ में भी वे जल्द नजर आयेंगे। आलोक कहते हैं कि- एफ़.टी.आई.आई जाना मेरे लिए सपना था लेकिन मुझे कभी कोई गाइड करने वाला नहीं मिला क्योंकि मैं जिस बैकग्राउंड से आता हूँ, वहाँ सिर्फ शिक्षा का ही माहौल है। आलोक कहते हैं कि- मैं भाग्यशाली हूँ। जो करना चाहता हूँ वो कर रहा हूँ और आगे के लिए मेहनत कर रहा हूँ

 

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