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किसने बनाया कोल्ड कॉफी को सबका फेवरेट
खाता रहे मेरा दिल… खाते-पीते, गुनगुनाते-गुनगुनाते हुए दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे भारत में जगह-जगह खाने की वैरायटी का बेशुमार भंडार गलियों बाजारों के हर नुक्कड़ पर परोसा जाता है। फिर दिल्ली तो सैकड़ों सालों से स्ट्रीट फूड हब के तौर पर भी जानी जाती है। वैसे भी अभी सर्दियों का मौसम है तो चलिए निकल चले दिल्ली की गली-कूचों मे स्वाद की खोज में। आज प्रसिद्ध फूड कॉलमिस्ट अमिताभ स. हमें अपने लेख से परोस रहे हैं – किसने बनाया कोल्ड कॉफी को सबका फेवरेट….
दिल्ली और देश में न तब ’कैफे कॉफी डे’ था, न ’बरिस्ता’ और न ही ’स्टारबक्स’। चाय की शौकीन दिल्ली में, 1960 के दशक तक हॉट और कोल्ड कोल्ड पीने के कम ही ठिकाने थे- गिने-चुने फाइव स्टार होटलों की कॉफी शॉप्स के अलावा शायद ही कोई। दिल्ली और देशवासियों को कोल्ड कॉफी पीने का शौकीन बनाने में दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस से सटे जनपथ स्थित ‘डीपॉल्स’ नाम की दुकान को जाता है। यहां की बोतल बंद चिल्ड कोल्ड कॉफी 1969 से लगातार सबकी पसन्दीदा रही है। कम मिठास और हर घूंट में कॉफी का कड़कपन इसकी खासियत है।
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हालांकि ‘डीपॉल्स’ ने कोल्ड कॉफी को बोतलों में बंद कर पीने- पिलाने का नया चलन शुरू किया, लेकिन इससे दशकों पहले, दिल्ली में दूध की ठंडी-ठंडी बोतलें बेचना चालू किया 100 साल से ज़्यादा पहले पुरानी दिल्ली में सूईवालान गली, चांदनी महल के ‘मुंशी जी दूध भंडार’ ने। और फिर, 1925 के आसपास ‘कैवेंटर्स’ ने फ्रेश मिल्क शेक्स की बहार कश्मीरी गेट में सजाई थी, जो बाद में कनॉट प्लेस शिफ़्ट हो गई।
दूध और चाय पीने- पिलाने के चलन के बावजूद बीती सदी के सत्तर, अस्सी और नब्बे के दशक तक तो ‘डीपॉल्स’ की लोकप्रियता सातवें आसमान पर थी। उस जमाने में, मुमकिन नहीं था कि युवा जनपथ जाएं और ‘डीपॉल्स’ की कोल्ड कॉफी पिए बगैर लौट आएं। यंग क्राउड तो कोल्ड काफी पीने स्पेशल जनपथ जाने लगा। इस दौरान, अक्सर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपनी पत्नी सोनिया गांधी के साथ ’डीपॉल्स’ पर कोल्ड कॉफी पीने जाते रहे हैं।
पहले कोल्ड कॉफी कांच की बोतल में थी, आज डिस्पोजेबल में है, ताकि चलते- फिरते पीजिए।कोल्ड कॉफी को दिल्ली और देश के नौजवानों की धड़कन बनाने का श्रेय धर्मपाल कटपालिया को जाता है। उन्होंने अपने भाइयों विनय कटपालिया और गौतम कुमार कटपालिया के साथ मिल कर कॉस्मैटिक शॉप में बोतलबंद ठंडीठार कोल्ड कॉफी पेश की और हंगामा ही हो गया।
नौजवानों के मिज़ाज की नब्ज पर हाथ रखते हुए, कोल्क कॉफी के साथ स्टाइलिश नाम ‘डीपॉल्स’ जोड़ दिया। बताते हैं कि ‘डीपॉल्स’ नाम संस्थापक धर्मपाल कटपालिया के मध्य नाम ‘पाल’ से उड़ाया गया। पाल भाइयों ने शुरू की, इसलिए फ्रेंच टच देते हुए नाम हो गया ‘डीपॉल्स’। फिर 1985 से मिल्क शेक्स की बोतलें पेश कीं, और साल- दर- साल फ्लेवर्स बढ़ाते गए।आजकल धर्मपाल कटपालिया के बेटे अश्विनी कटपालिया अपने कजिन अमित रमन के साथ जलवा निखार रहे हैं।
दुकान के बाहर आज भी कोल्ड कॉफी पीने वालों का हरदम मजमा लगा रहता है।अब तो मोका, कैपुचिनो, हेजलनट, ब्राउनी, आइरिश क्रीम, शुगर फ़्री जैसी 9 वैरायटी की कोल्ड कॉफियां सर्व करते हैं। हालांकि कम मीठी और कड़कपन की तारीफ के चलते रेगुलर कोल्ड कॉफी तो बेस्ट है ही।ज्यादा स्ट्रांग पीने वालों के लिए एक्स्ट्रा रोस्ट कॉफी भी हाज़िर है। जितने फ्लेवर्स की कोल्ड कॉफियां हैं, उससे दुगुने फ्लेवर्स और रंग के मिल्क शेक्स की बोतलें भी क्या मस्त हैं।मैंगो, बटरस्कॉच, काजू बादाम, पाइनएपल वग़ैरह शेक्स खूब चाव से पिए जाते हैं।तमाम फ्लेवर्स की डिस्पोजेबल बोतलें फ्रिज में लगी रहती हैं, लोग अपनी पसंद की ले कर, पीते- पीते कनॉट प्लेस की तफरीह करते फिरते हैं। सच है कि इसी दुकान ने देशभर में कोल्ड कॉफी पीने की ललक जगाई है। सालोंसाल से लोग कहते रहे हैं, ‘कोल्ड कॉफी हो, तो डीपॉल्स जैसी !’
तस्वीर – साभार लेखक
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