टाइमपास मनोरंजन देता ‘टाइगर -3’
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टाइगर 3 में कहानी है इस बार जोया और टाइगर की। टाइगर एक मिशन से लौटकर घर आया है। जिस मिशन से वह लौटा है उसका नाम मिशन टाइमपास है। इस मिशन से लौटकर टाइगर के आते ही उसकी निजी जिंदगी में उथल पुथल मच जाती है। और वजह है आतिश रहमान यानी इमरान हाशमी। कहानी को आगे बढ़ाते हुए पठान का कैमियो भी नजर आता है। और काफ़ी सारे स्टंट, मनोरंजन, धूम धाम वाले बैकग्राउंड स्कोर के साथ लचर और बेतरतीब सी कहानी टाइगर 3 में नजर आती है।
दूसरे हाफ में कहानी आगे बढ़ती है और टाइगर का सामना आतिश से होता है। आतिश, टाइगर और जोया के सामने एक शर्त रखता है, शर्त में दांव पर लगा है उनका बेटा जूनियर। दोनों उसकी बात मजबूरी में मान तो लेते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि आतिश रहमान का असली प्लान क्या है? बस इस प्लान में फंसकर टाइगर देशद्रोह का आरोपी बन जाता है खुद की नजरों में। यहां कहानी दिलचस्प होती है जहां टाइगर को अपनी बेगुनाही साबित करनी है और साथ ही साथ अपने ससुराल को भी बचाना है। क्या टाइगर ये सब कर पाएगा और क्या मुश्किलें उसके सामने आएगी ? यह सब फिल्म में देख कर पता चलेगा आपको।
फिल्म का पहला हाफ बेहद कमजोर है। लम्बे समय तक आपको कहानी समझने के लिए परदे पर नजर बनाए रखने की जरूरत होती है। लेकिन ऐसा करके भी आप कहानी को ना समझ पाएं ठीक से तो बस इसके वी एफ एक्स और मनोरंजन वाले धूमधाम भरे बैकग्राउंड स्कोर के साथ गानों का आनंद लीजिएगा। फिल्म में सलमान खान की एंट्री को लेकर फैंस को वॉओ वाला फैक्टर देखने को नहीं मिलता। फिल्म के पहले हाफ में जहां जोया के रूप में कटरीना कैफ की कहानी प्रमुख रूप से नजर आती है तो दूसरे में इमरान हाशमी के आर्मी ऑफिसर से गद्दार बनते देखने की। कुल मिलाकर आप कह सकते हैं फिल्म की कहानी औसत है और यह टाइगर के कद मुताबिक नहीं है।
एक्टिंग के मामले में सलमान खान ठीक-ठाक लगते हैं। हालांकि कई जगह उनकी उम्र भी नहीं नजर आती। यही वजह है कि कई सीन में खूब जमे भी। लेकिन एक्टिंग में वे ज्यादा मेहनत नहीं करते। एक सीन में शाहरुख खान और सलमान खान पैराशूट पर लटके नजर आते हैं। वह सीन इस कदर कमज़ोर लगता है कि हवा में हजारों फीट ऊपर कैसे ये चेहरे पर कोई भाव नहीं ला पा रहे।कैटरीना कैफ देखने में अच्छी लगीं एक्टिंग का उनका भी काम कुछ ऐसा ही था। हां इमरान हाशमी सबसे अच्छे लगते हैं लेकिन उनके हिस्से भी कोई एक ऐसा डायलॉग नहीं आता जिससे उनका किरदार कुछ समय ही सही याद किया जाता। शाहरुख खान का कैमियो भी बेहद कमजोर रहा। यहां पूरी फिल्म में जोया मजबूर और आतिश दुष्ट के रूप में नजर आते हैं जिन्हें साथ मिला है कुमुद मिश्रा, गैवी चहल, अनंत विधात, रेवती, ऋद्धि डोगरा, विशाल जेठवा जैसे बढ़िया एक्टर्स का। सभी सपोर्टिंग कास्ट में अच्छे जरूर लगे हैं लेकिन कोई भी आपसे जुड़ नहीं पाता।
फिल्म में क्या हो रहा है? क्यों हो रहा है? इसे लेकर भी बार-बार आपके मन में सवाल आते हैं। कई सीन्स बचकाने और तर्क से परे नजर आते हैं। डायरेक्टर मनीष शर्मा ने स्टोरी और स्टारकास्ट तो अच्छी ली, लेकिन वो स्क्रीनप्ले और वी एफ एक्स तथा यादगार गानों के मामले में मात खा गए। कुल मिलाकर फिल्म टाइगर 3 में सलमान खान है, शाहरुख खान के कैमियो के साथ ऋतिक रोशन की भी झलक है, कैटरीना कैफ का जबर एक्शन भी है, इमरान हाशमी भी ठीक ठाक हैं। लेकिन नहीं है तो मजूबत कहानी, डायरेक्शन, वह दमखम जो पड़ोसी मुल्क के साथ चली जा रही चालों के बीच नजर आना चाहिए था। नहीं है तो कसी हुई पटकथा और अच्छे गाने।
है तो बस एकमात्र चीज धूमधाम वाला एक्शन, और बैकग्राउंड स्कोर के साथ बिना तर्क वाले मिले हुए मनोरंजन के मसाले। फिर एक टिपिकल बॉलीवुड फिल्म से आप इतनी भी उम्मीद नहीं करते तो यह आपके लिए नहीं है वहीं इस दिवाली अच्छा टाइमपास वाला मनोरंजन चाहिए तो देख आइए।
रेटिंग – 3 स्टार