रिव्यू- इंसानियत सिखाता ‘बहरूपिया’
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बहरूपिया भारत देश की लुप्त हो चली एक ऐसी कला जिसमें बहरूपिया बनकर लोग गांव-गांव घूमते और अपनी कला का प्रदर्शन कर पेट पालते थे। लंबे समय तक चली बहरूपिए की यह प्रथा हमारे देश से तकनीकी बदलावों और मनोरंजन के बदलते साधनों ने कब लुप्त कर दी हमें पता भी न चला। बहरूपिए जो अपनी इसी कला से गांव वालों से जो कुछ खाने-पीने का सामान और रुपिया मिलता उसी से अपना, अपने परिवार का पेट पालते रहे।
करीब 20 मिनट की यह फिल्म भी उन्हीं बहरूपिए को याद करने का एक बहाना है। एक ऐसा बहाना जिसके चलते हम अपने बीते हुए कल की सुनहरी यादों को संजोते हैं। भास्कर विश्वनाथन की यह फिल्म बेहद कम समय में हमें बहरूपिए के बहाने से इंसानियत भी सीखा जाती है। कहानी में मोड़ तब आता है जब एक दिन बहरूपिया बने देवेश रंजन चोटिल हो जाते हैं फिर कैसे उसी गांव वाले उसका सहारा बनते हैं।
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बीस मिनट की इस फिल्म में निर्देशक ने शहंशाह, शोले, शक्तिमान, डॉन जैसी चर्चित फिल्मों के कई संवादों का सहारा लेते हुए जिस तरह कहानी में ट्विस्ट पैदा किए हैं वह बहरूपिए के जीवन को करीब से दिखाने का सबसे सटीक माध्यम है। पॉपुलर धारावाहिक शक्तिमान का गाना और इसके अलावा जुम्मा-जुम्मा, डॉन, जब तक है जान के गानों का भी सटीक इस्तेमाल भास्कर ने किया है। कई फिल्म समारोहों में दिखाई जा चुकी और सराहना पा चुकी इस फिल्म के कुछ तकनीकी पहलू भी आपको पुराने जमाने के कैमरे से फिल्माए जाने का आभास कराते हैं।
जोगिंदर पांडा का डीओपी, मानस चौधरी, सुबीर कुमार दास का दिया हुआ साउंड और दीपांकर सरकार, हिमांशु द्विवेदी के द्वारा मिलकर एडिट की गई यह फिल्म बेहद कम समय में इंसानियत सिखाने का भाव तो जागृत करती ही है साथ ही भास्कर के निर्देशन पर भरोसा भी दिलाती है।
‘फ्रीडम फाइटर’ जैसी शॉर्ट फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाले भास्कर ने “भोर” जैसी फिल्म जो कई फिल्म समारोह में खूब तारीफें बटोर चुकी हैं, के लिए भी स्टोरी, स्क्रीनप्ले, डायलॉग लिखने में अपना सहयोग किया है। यह फिल्म बहरुपिया पता नहीं कब कहां रिलीज हो। लेकिन जब भी कहीं किसी फिल्म फेस्टिवल में देखने को मिले तो देखिएगा इसे और अपने बचपन को भी जी आइएगा थोड़ी देर के लिए ही सही। क्योंकि ऐसी फिल्में आपको इंसानियत बरतने और इंसान बने रहने का वो गुण सीखा जाती है जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत आज के समय में हमें है।
अपनी रेटिंग – 3.5 स्टार
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