हॉलीवुड ले रहा दिलचस्पी राजस्थानी सिनेमा में!
राजस्थानी सिनेमा अलबत्ता कायदे का बन नहीं रहा। पिछले कई सालों से हांफता हुआ यहाँ का सिनेमा कब का अपने कफ़न को ओढ़कर सो गया है और दर्शक, निर्माता, निर्देशक है कि आज भी उसकी मातमपूर्सी में ही लगे हैं। गाहे-बगाहे कोई फ़िल्म सिनेमाघर में आ जाती है तो आम दर्शक तक नहीं पहुँच पाती। जब इरफ़ान खान के बेहतरीन अभिनय से सजी राजस्थानी फ़िल्म ‘द सॉंग ऑफ़ स्कोर्पियन’ जैसी उम्दा फ़िल्में किसी क्षेत्रीय सिनेमा में बुरी तरह पिट जाएँ तो वहाँ से सिनेमा से कोई उम्मीद शेष नहीं रह जाती। ले देकर कुछ फ़िल्में ओटीटी परोस दे रहा है तो यहाँ के निर्माताओं, निर्देशकों को यह गुमान और वहम हो चला है कि वे राजस्थानी सिनेमा को बचाए हुए हैं। लेकिन मैं हमेशा कहता आया हूँ ढाक के वही तीन पात!
अब इधर देखिए तो ‘दीपांकर प्रकाश’ के बनाए सिनेमा में ‘नानेरा‘, ‘मूसो‘, ‘मस्सकली’, ‘क्राइम नेक्स्ट डोर’, ‘शांतिनिकेतन’, ‘द नेकेड वॉइस’ जैसी फ़िल्में देखने वाले दर्शक, निर्देशक, निर्माता दबे मुँह ही सही तारीफ़ किये बिना नहीं रह सकते। तमाम व्यक्तिगत आलोचनाओं से दो चार होते हुए कोई निर्देशक इतनी तन्मयता से राजस्थानी सिनेमा में एक के बाद एक मक़ाम हासिल करे तो उसे दाद देनी चाहिए। उनके निर्देशक कला से यहाँ के लोग भले ही प्रभावित हों या न हों किन्तु कई मीलों दूर बैठे हॉलीवुड फ़िल्मों में बेहतरीन वीएफ़एक्स कर चुके ‘माइकल ग्रोव’ बतौर निर्माता दीपांकर की नयी राजस्थानी फ़िल्म ‘हॉक्स’ के साथ ही राजस्थानी सिनेमा में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
दीपांकर की आगामी फ़िल्म का नाम ‘हॉक्स’ है। जो एक क्राइम थ्रिलर होगी। एक ऐसे परिवार की कहानी है जिसमें ब्याज माफिया भी होंगे और ऐसे ब्याज-माफ़िया जिनका कोई सर-पैर नहीं। एक अलग ढर्रे की यह फ़िल्म क्राइम को नए अंदाज में पेश करेगी। ब्कैयाज-माफियाओं की ट्रैपिंग, एक साधारण गरीब परिवार और फिर वसूली का ड्रामा इस फ़िल्म में देखने को मिलेगा। दीपांकर ने बताया कि फ़िल्म में सभी एक्टर और एक्ट्रेस राजस्थान के ही हैं। एकमात्र एक्ट्रेस ‘नंदा’ मुम्बई से है। जो इसके पहले ‘शांतिनिकेतन’ फ़िल्म में भी उनके साथ काम कर चुकी है। फ़िल्म के प्रोड्यूसर ‘माइकल ग्रोव’ हैं। जिन्होंने इसके पहले ‘लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’, ‘किंग कॉन्ग’, ‘सांवरिया’ और ‘ड्यून्स 2’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं हैं और इनमें बतौर वीएफएक्स सुपरवाइजर रहे हैं।
दीपांकर ने बताया कि ग्रोव अब इंडिपेंडेंट फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में सक्रीय हो रहे हैं। बर्लिन फ़िल्म फेस्टिवल में ‘नानेरा’ फ़िल्म देखने के बाद उन्होंने दीपांकर के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की। इस फ़िल्म से बतौर निर्माता जुड़ने वाले ग्रोव ‘शांतिनिकेतन’ में भी को-प्रोड्यूसर रहे हैं। ख़बर है कि दीपांकर ग्रोव के साथ मिलकर कई सारी फ़िल्में बनाने वाले हैं। लिहाज़ा यह आश्वस्त करने वाली ख़बर है कि राजस्थानी सिनेमा में एक नए अध्याय को मुकम्मल तौर से लिखना शुरू कर देना होगा। हालांकि ग्रोव बॉलीवुड की फ़िल्म ‘रामायण’ कर रहे हैं। जिसमें वे रणवीर कपूर की इस फ़िल्म में बतौर वी एफ एक्स सुपरवाइजर ही काम करते हुए नजर आयेंगे। दीपांकर ने बताया कि रामायण फ़िल्म में वी एफ़ एक्स करते हुए ही उन्होंने मेरी इस फ़िल्म के लिए भी शूट किया। जिसके लिए वे तीन दिन जयपुर रहे, यह राजस्थानी सिनेमा के लिए बहुत गौरव की बात है। लोग जहां तक पहुंच नहीं सकते उनको वे जयपुर लाकर वीएफ़एक्स डायरेक्ट करवा रहे हैं।
दीपांकर यहाँ के पत्रकारों तक से नाराजगी जताते हुए कहते हैं कि- एक भी पत्रकार नहीं आया इस ख़बर को कवर करने। यहां के सिनेमा, पत्रकारों, दर्शकों, निर्माताओं, निर्देशकों की मानसिकता पर वे पहले भी बराबर सवाल उठाते रहे हैं। पत्रकार केवल बेवकूफी की चीजें छापने में कितने व्यस्त हैं इस पर भी दीपांकर व्यथित होते हैं। इस फ़िल्म में बतौर सिनेमैटोग्राफर पुनीत धाकड़, एडिटर पुनीत, दीपांकर और साउंड रिकोर्डिंग और डिजाइनिंग का काम विहेक चौहान और अजीत सिंह राठौर संभाल रहे हैं। देखना यह होगा कि यह फ़िल्म दीपांकर की बनाई अब तक की फ़िल्मों से कितनी अलग और कितनी अच्छी या खराब होगी।