इस सृष्टि पर हमें दिवाली लानी है!
घर की सफाई पूरी हुई, नया सामान खरीद लिया, दीयों की चमक है। सबके चेहरों पर ख़ुशी है। हम सब रावण की हार का उत्सव मना रहे हैं। तो आइये इस दिवाली हम अपने अंदर के रावण को ख़त्म करते हैं। यह सिर्फ़ चार दिन की दिवाली बनकर नहीं जाए, अपितु यह तो जीवन की दिवाली है। आप महसूस कीजिए अपने आपको जो आपका असल रूप है। मिट्टी के शरीर में मैं पवित्र आत्मा हूँ। यह दीया जब हम जलाते हैं तो अहंकार का अंधेरा खत्म हो जाता है। इसी तरह एक दीया अपने भीतर भी जलाएं जिससे आपके भीतर के अहंकार रुपी रावण और उस अँधेरे को खत्म कर आप आध्यात्मिक हो सकें। देश-दुनिया के भीतर मची कलह, ऊहापोह, आपाधापी, वर्चस्व की लड़ाई से परे रहकर अपने को आध्यात्मिक बनाकर उस दीये से संसार को प्रकाश से भर दें।
उस दीये की रौशनी से अपने भीतर आप शांति का धर्म, प्यार की भाषा, सम्मान की सभ्यता और एकता की संस्कृति को अवतरित होता हुआ महसूस करें। ऐसी ही दुनिया हम सबको मिलकर बनानी है। इस सृष्टि पर हमें दिवाली लानी है। पुरानी बातें दबी पड़ी हैं, उन पर गलतफहमी की धूल चढ़ी है। अपमान के दाग लगे हुए हैं। वे यादें जिनकी अब जरूरत नहीं है। आइये इस दीवाली घर के साथ-साथ मन के कोने-कोने की भी सफाई करें। नए कपड़े, नए बर्तन खरीदकर लाते हुए एक भाव अपने लिए स्नेह, ममता, दया, करूणा, परोपकार का भी अपने साथ लेकर आयें।
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दिवाली नवीनता का समय है। इसलिए आइये जीवन को शुभ बनाने के लिए एक नई सोच, एक नया व्यवहार, एक नया संस्कार अपनाते हैं। Let’s choose a New Habit to fill are life with peace & Prosperity. दिवाली पर हम सबको बहुत सुंदर तोहफ़े देना चाहते हैं। ड्राइफ्रूट्स, दीया, चॉकलेट, मिठाई मुँह मीठा करते हैं। लेकिन रिश्तों से मिठास गायब होती जा रही है आइये इस दिवाली रिश्तों में मिठास भरते हैं। मीठे बोल, प्यार भरे बोल, सम्मान भरे बोल उन्हें और हमें दोनों को ख़ुशी देते हैं। आइए सबको दिलख़ुश मिठाई खिलाते हैं। दिवाली दीयों का त्यौहार है। दीया जलाना शुभ होता है। दीया means to give. प्यार दिया, ख़ुशी दिया, सम्मान दिया, सबको दिया और हमेशा दिया। एक दीया अनेकों का दीया जलाता है और दीप माला बन जाती है। let’s live to diya to with in love and dignity. दीया जगा रहे तो जीवन हमेशा शुभ रहेगा।
किसी को क्षमा नहीं किया है। किसी से बातचीत बंद है। किसी से व्यवहार ठीक नहीं है। किसी के लिए सोच अच्छी नहीं। आज दिन है पुराने हिसाब किताब ख़त्म करने हैं। कार्मिक अकाउंट बंद करने हैं। नया कर्म, नया भाग्य, नया जीवन तभी तो नए साल की शुरुआत होगी। मेरा नाम, मेरा शरीर, मेरे रिश्ते, मेरी सम्पति, मेरा ओहदा, मेरा धर्म सबकुछ तो मेरा है। तो मैं कौन हूँ ?
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तो इस दीवाली मैं आत्मा हूँ… का टीका लगाएँ। आत्मा से भाई-भाई का रिश्ता बनाएँ, अहंकार पर विजय पाएँ। हम सब मिलकर सृष्टि पर राम राज्य सतयुग लाएँ। हम औरों से प्यार, ख़ुशी, सम्मान मांगते आए हैं। लेकिन अब समय है आत्मिक जोत जगाने का। हमें सिर्फ़ और सिर्फ़ देना है। अपना दीया जलाकर औरों का दिया जलाना है। सिर्फ़ अपने घर को नहीं पूरी दुनिया को सजाना है। सिर्फ़ घर की सफाई से नहीं सृष्टि की सफाई से ही श्री लक्ष्मी का आह्वान होगा। सतयुगी दुनिया हम सबको मिलकर लानी है। जीवन को दिवाली बनाने की बहुत-बहुत मुबारक़।
इस दिवाली आत्मिक दीये को जलाकर अंदर की जोत जगाने के साथ-साथ आप इन उपायों को करके भी भौतिक जीवन की शान्ति भी प्राप्त कर सकते हैं। यूँ ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक राशि हेतु भिन्न-भिन्न उपाय, भिन्न-भिन्न समय पर करने से आत्मिक एवं भौतिक शांति तथा सुख हासिल किया जा सकता है। बशर्ते उसके लिए मेहनत और तपस्या उसी स्तर की हो। दिवाली पर माँ लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख प्राप्ति हेतु प्रसन्न करने की आवश्यकता होती है। दिवाली पर निम्न उपाय करके आप अपनी समृद्धि को बढ़ा सकते हैं।
- दिवाली के दिन भगवान शिव पर अपराजिता का फूल और चावल चढ़ाने से सुख-समृद्धि हासिल की जा सकती है। बस इसमें केवल इतना ध्यान रखने की आवश्यकता होती है कि चावल और फूल कहीं से भी खंडित ना हों।
- दिवाली के दिन पूजा करते समय दीपक में लौंग डालकर आरती करने से भी माँ लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है।
- दिवाली के दिन किसी भी लक्ष्मी मंदिर में जाकर झाडू का दान करना चाहिए।
- दिवाली से एक दिन पूर्व माँ लक्ष्मी को कच्ची चने की दाल चढ़ाएं और अगले दिन उसे पीपल के पेड़ में अर्पित कर दें।
- दिवाली के दिन पूजा में पीली कौड़ियों को जरुर रखें और पूजा के बाद इन कौड़ियों को लाल अथवा सफेद कपड़े में बाँध कर अपनी तिजोरी में रखने से भी माँ लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
- गोमती चक्र को पूजा में विशेष रूप से रखें और उसकी भी पूजा करें। गोमती चक्र ऐश्वर्य और वैभव का प्रतीक माना जाता है।
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