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Sep- 2024 -21 Septemberबुक रिव्यू
बुक रिव्यू- स्त्री मुक्ति का पुनराख्यान ‘नदी सपने में थी’
स्त्री मुक्ति का पुनराख्यान ‘नदी सपने में थी’ कल्पना मनोरमा का काव्य संग्रह है। यूँ वे निरंतर कविता, कहानियों के माध्मय…
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Aug- 2024 -17 Augustबुक रिव्यू
बुक रिव्यू- संस्मरणों की विश्वसनीयता का अखंड स्वरूप ‘जो दिल ने कहा’
संस्मरणों की विश्वसनीयता का अखंड स्वरूप ‘जो दिल ने कहा’ आधुनिक समय के लोकप्रिय नाटककार प्रताप सहगल की लिखी संस्मरणों की पुस्तक है।…
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Jun- 2024 -23 Juneबुक रिव्यू
बुक रिव्यू- सहअस्तित्व की यथार्थ जीवनदृष्टि ‘आदिवासी कविता: चिंतन और सृजन’
पुनीता जैन का यह ग्रन्थ आदिवासी कविता को प्रस्तुत करने वाला हिन्दी में पहला गम्भीर और आत्मीय प्रयास है। चिन्तन…
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May- 2024 -23 Mayबुक रिव्यू
बुक रिव्यू- राजनीति के ‘चाक’ पर पिसती ‘रूहें’
अजहर आलम भले आज इस दुनिया में ना हों किन्तु उनके नाटक साहित्य के योगदान को कभी विस्मृत नहीं किया…
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