रंगारंग विदा हुआ 10 वां राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल
राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर में 27 से 31 जनवरी के बीच राजस्थान इंटर नेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया। राजस्थानी कल्चर और नृत्य के साथ आरम्भ हुए इस फेस्टिवल का समापन भी कुछ ऐसा ही हुआ। इन पाँच दिनों में देश-विदेश की करीब 60 से अधिक फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही कई विभिन्न मुद्दों पर वार्ताएं भी आयोजित की गईं।
इस बार के फेस्टिवल समापन समारोह में अभिनेता टीनू आनंद को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके अलावा विशेष पुरस्कारों समेत 8 देशों की 13 भाषाओं में बनी फिल्मों के लिए करीब 70 से अधिक अवॉर्ड निर्मातों, निर्देशकों एवं कलाकारों को दिए गये।
राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (रिफ) 2024 के दसवें संस्करण का भव्य समापन 31 जनवरी को एक अवॉर्ड सेरेमनी के साथ हुआ। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के समापन में फर्स्ट इंडिया और भारत 24 के एडिटर इन चीफ जगदीश चंद्र और विधायक बाल मुकुंद आचार्य मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। अवॉर्ड सेरेमनी में रिफ के फाउंडर सोमेंद्र हर्ष और को-फाउंडर अंशु हर्ष ने मुख्य अतिथियों के साथ मिलकर सेलेब्रिटीज सहित कुल 66 फिल्मों को विभिन्न श्रेणियों के पुरस्कारों से नवाजा।
जयपुर के जेम सिनेमा में आयोजित हुए रिफ के दसवें संस्करण के समापन में अभिनेता टीनू आनंद, अखिलेंद्र मिश्रा, नंदिश सिंह संधू, अभिनेत्री इति आचार्य, सिंगर मोती खान, फिल्म क्रिटिक अजित राय, लेखक यश कालरा, आसामी अभिनेत्री ऐमी बरूआ रहीं। वहीं विदेशी सितारों में डायरेक्टर जेम्स हिगिन्सन, फिल्म मेकर पैट्रिक जॉर्ज, एक्ट्रेस मैरिएन बोर्गो, वेनेजुएला अंबेसी काउंसलर अल्फ्रेडो काल्डेरा, बिहारी बाबू के नाम से प्रचलित चार्ल्स थॉम्सन शामिल हुए।
समापन समारोह में कई रंगारंग प्रस्तुतियां भी देखने को मिलीं। “इण्डियन आईडल जूनियर” के प्रतियोगी रहे मोती खान की ‘कुरजां’ पर प्रस्तुति के साथ ही मीना सपेरा का ‘कालबेलिया’ नृत्य, ऐंजल म्यूजिक एकेडमी की ओर से संगीतमय प्रस्तुति और सुबोध कॉलेज के स्टूडेंट्स का 90 दशक के गानों पर ग्रुप डांस बेहद खास रहा।
किन्हें मिले अवॉर्ड
राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दसवें संस्करण में 11 विशेष पुरस्कारों के साथ ही राष्ट्रीय/क्षेत्रीय/अंतर्राष्ट्रीय/राजस्थानी भाषाओं की फीचर फिल्मों के लिए कुल 23 अवॉर्ड, राष्ट्रीय/क्षेत्रीय/छात्र/राजस्थानी/ अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं की लघु फिल्मों के लिए कुल 21 अवॉर्ड, एनिमेशन फिल्मों के लिए कुल 3 अवॉर्ड, ड्रॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए कुल 14 अवॉर्ड और हिन्दी/क्षेत्रीय/अंतर्राष्ट्रीय/राजस्थानी भाषाओं के म्यूजिक एलबम के लिए कुल 5 अवॉर्ड दिए गए।
टीनू आनन्द के अलावा अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा में योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार: पैट्रिक जॉर्ज को दिया गया तो वहीं राजस्थानी सिनेमा में योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड: मोहन कविया को मिला। संगीत में योगदान के लिए हसरत जयपुरी पुरस्कार: उस्ताद अनवर खान मांगणियार को, कॉमन मैन इन सिनेमा अवार्ड (दिवंगत ओम पुरी की स्मृति में): अखिलेन्द्र मिश्रा को, टीवी और सिनेमा में योगदान के लिए मानद उत्कृष्टता पुरस्कार: नंदीश सिंह संधू को तथा
प्राइड ऑफ राजस्थान: इति आचार्य को दिया गया। सिनेमा व्यवसाय में उत्कृष्ट योगदान हेतु नंदू झालानी को सम्मानित किया गया तो वहीं साल 2023 में सर्वश्रेष्ठ पुस्तक लेखक के लिए राजस्थानी सिनेमा विश्वकोश लिखने वाले पत्रकार, इतिहासकार एमडी सोनी (राजस्थानी फिल्म गीत कोष 1942-2022) के लिए मिला। सिनेमा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ पुस्तक प्रकाशक हेतु वाणी प्रकाशन को सम्मानित किया गया।
सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फिल्म: नवरस कथा कोलाज, सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फीचर फिल्म: 2018: हर कोई एक हीरो है [मलयालम], सर्वश्रेष्ठ राजस्थानी फीचर फिल्म: बत्ती – एक लड़का जिसने बिजली का सपना देखा, सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म: टैंगो बार [स्पेनिश|, सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फिल्म के लिए विशेष जूरी पुरस्कार: मरियम, सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म के लिए विशेष जूरी पुरस्कार: इन [कन्नड़], सर्वश्रेष्ठ राजस्थानी फिल्म के लिए विशेष जूरी पुरस्कार: सुभागी, सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फिल्म के लिए विशेष जूरी पुरस्कार: टोंटन एडवर्ड [फ्रेंच,फ्रांस], सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फिल्म के लिए क्रिटिक्स चॉइस अवॉर्ड: मुझे स्कूल नहीं जाना, सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म के लिए क्रिटिक्स च्वाइस अवार्ड: थारिनी [कन्नड़], सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फीचर फिल्म के लिए विशेष दर्शकों की पसंद का पुरस्कार: भगवंत केसरी [तेलुगु] सहित रिफ में प्रदर्शित की गयी फिल्मों को अन्य 66 अवॉर्ड मिले।
राजस्थान की कला को विश्व स्तर पर लाना चाहती है ‘इति आचार्य’
राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘प्राइड ऑफ राजस्थान’ अवॉर्ड से नवाजी गई इति आचार्य ने रिफ में शिरकत करने की खुशी जाहिर की। इति ने कहा कि वो राजस्थान की कला, संस्कृति को विश्व स्तर पर लाने का प्रयास कर रही है। रिफ में 13 भाषाओं में बनी फिल्मों की स्क्रीनिंग देखकर इति ने कहा कि ‘रिफ अब दोगुने स्तर पर तरक्की कर रहा है, ऐसे में अब वो दिन दूर नहीं जब कजाकिस्तान, तर्की और अन्य देशों की फिल्मों की स्क्रीनिंग भी रिफ में की जाएगी।’ हिंदी, मलयालम, कन्नड़, तेलगू जैसी 6 भाषाएं जानने वाली इति ने दक्षिण भारत की फिल्मों में काम करने को अपना सौभाग्य बताया। इति बचपन से ही सिनेमा इंडस्ट्री में काम करना चाहती थी। इति ने फिल्मों की रिलीजिंग में थिएटर का बड़ा रोल बताया। इति ने कहा कि ‘फिल्में सिर्फ कहानी और एक्टर की वजह से हिट नहीं होती है। इसमें प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, डिस्ट्रीब्यूटर के बाद थिएटर का भी बड़ा रोल होता है।
बढ़िया कवरेज
हार्दिक बधाई
शुक्रिया