हमारे बारे में
श्रीगंगानगर में जन्मे तेजस पूनियां की स्कूली शिक्षा अपने जन्मस्थान पर ही हुई। स्नातक करने दिल्ली आए और किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक होने के बाद राजस्थान सेंट्रल यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर (एम. ए) हिन्दी किया। बीकानेर विश्वविद्यालय से शिक्षा स्नातक (बी. एड) की और फिर कोरोना काल में इग्नू (दिल्ली) से ट्रांसलेशन का कोर्स पूरा कर कुछ माह बिहार के नवोदय विद्यालय में अध्यापन किया।
वर्तमान में तेजस मुंबई विश्वविद्यालय से हिंदी विषय में शोध (पी.एच.डी.) कर रहे हैं। लिखने का कीड़ा दिल्ली ने लगाया। कविताओं से शुरुआत करते हुए कहानियां लिखने लगे फिर कई सेमिनारों में भाग लेते हुए आलोचनात्मक एवं शोधपरक लेख साहित्य, सिनेमा, समाज से जुड़े मुद्दों पर लिखने लगे। सिनेमा में रुचि स्कूली दिनों में ही होने लगी थी। उसे विस्तार मिला सालों बाद एम. ए के दौरान।
गंगानगर वाला कई सिनेमा से जुड़े लेखों और किताबों को पढ़कर, फ़िल्में देखकर, सिनेमा जानने वालों से बातें कर सिनेमा का ज्ञान बढ़ाने लगे। वर्तमान में तेजस की छवि ईमानदार फ़िल्म पत्रकार होने के साथ-साथ लेखक, शोधार्थी, समीक्षक-आलोचक के रुप भी हैं। विभिन्न आकाशवाणियों, संगोष्ठियों में भी इन्हें निरंतर आमंत्रित किया जाता रहता है।
देश-विदेश की तमाम प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं हंस, कथाक्रम, साहित्य यात्रा, वीणा, मधुमती (राजस्थान साहित्य अकादमी) के लिए एवं कई अन्य यू.जी.सी. मान्यता प्राप्त पत्रिकाओं के लिए निरंतर लिखने वाले तेजस का एक कहानी संग्रह “रोशनाई” अकादमिक बुक्स ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली से साल 2021 में प्रकाशित हो चुका है।
इसके अलावा कई प्रोफेसर, कलेक्टर, निर्माता, निर्देशकों एवं सिनेमा पढ़ने वालों के लेखों को शामिल कर एक पुस्तक का संपादन कर चुके हैं। यह किताब अमन प्रकाशन, कानपुर से साल 2022 में “भारतीय सिनेमा : साहित्य, संस्कृति और परिदृश्य” नाम से प्रकाशित हो चुकी हैं।
साल 2023 के लौटते हुए में दो किताबें शुभम् प्रकाशन, कानपुर से प्रकशित हो चुकी हैं। “भारतीय सिनेमा विवेचन और मूल्यांकन”, “सिनेमा विविध रंगरूप।” इसके अतिरिक्त सिनेमा पर केंद्रित पत्रिका सहचर का संपादन किया है। कुल अब तक चार किताबें लिख चुके तेजस ने स्कूली शिक्षा के लिए कई निजी विद्यालय बदले।
जिनमें प्रमुख रुप से सेठ गिरधारी लाल बिहाणी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, श्रीगंगानगर रहा जहां वे कक्षा 9 से 12 तक पढ़े। 11 वीं 12 वीं में कॉमर्स विषय चुना और गंगानगर वाला (तेजस पूनियां) हिंदी, अंग्रेजी टंकण (टाइपिंग) विषय में पुरुष छात्रों में प्रथम स्थान तथा संयुक्त रूप से पुरुष, महिला छात्र-छात्राओं में द्वितीय स्थान प्राप्त क़िया।
कक्षा 11 से उन्हें जीवन की नई दिशा मिलने लगी जिसने उन्हें कई जगहों पर सम्मान दिलाया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की तरफ से आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में जिले में द्वितीय स्थान हासिल किया तथा राज्य स्तर पर प्रतिभागी रहे। एम. ए के दौरान भी नेशनल लेवल तक डिबेट में वक्ता के रुप में रहे। इसके अलावा भी कई राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर सम्मान प्राप्त कर चुके हैं तथा कई जगहों ( विश्व विद्यालय) आदि में वक्ता के रूप में आमंत्रित किए जाते रहे हैं।
फिलहाल डॉक्टरेट ऑफ़ फिलोसफी (पी.एच. डी.) के साथ ही तेजस हाल में लेखन कार्य में संलग्न हैं।
हमारे इस वेब पोर्टल गंगानगर वाला के निर्माण में पहले दिन से मार्गदर्शन के रूप में कार्यकर रहे भाई गौरव चौधरी का स्नेह हम पर बना रहा। इस वेब पोर्टल (Ganganagarwala) के लोगो (LOGO) बनाने से लेकर मेरी किताबों के कवर पेज तक डिजाइन करने में भाई गौरव चौधरी हमेशा मुझे सहयोग करते रहे हैं। उनके इस ऋण से कभी उऋण नहीं हुआ जा सकता। साथ ही हमें खेद है कि हम लोगो के लिए अतिरिक्त तरह से वेब पोर्टल पर इन्हें ही क्रेडिट नहीं दे सके। लिहाजा उनके सम्मान में (हमारे बारे में) ही हम भाई गौरव चौधरी का अत्यंत आभार प्रकट करते हैं। इस आशा के साथ कि उनका सहयोग हमें निरंतर मिलता रहेगा।